एटक बालको यूनियन का संघर्ष: बालको प्रबंधन की वादों और विलंब की रणनीति
हाल ही में एल्युमिनियम एम्पलाईज यूनियन (एटक) ने बालको प्रबंधन को नियमित और ठेका कर्मचारियों द्वारा झेली जा रही विभिन्न समस्याओं को लेकर एक पत्र सौंपा। लेकिन, समय बर्बाद करने की अपनी पुरानी कला में निपुण प्रबंधन ने पहले तो इन समस्याओं पर किसी भी सार्थक चर्चा से साफ इंकार कर दिया। इस ढुलमुल रवैये का सामना करते हुए, यूनियन ने अपने पदाधिकारियों की बैठक बुलाई और आंदोलन की दिशा में कदम बढ़ाने का निर्णय लिया।
आंदोलन के पहले चरण में, 31 जुलाई 2024 को एक दिवसीय विशाल आम सभा और धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया, जिसमें कर्मचारियों और श्रमिकों को पूरी स्थिति से अवगत कराया गया। जब प्रबंधन ने देखा कि मामला गंभीर हो रहा है, तो उन्होंने यूनियन के महासचिव सुनील सिंह को 16 अगस्त 2024 को चर्चा के लिए बुलाया।
इस बैठक में, प्रबंधन की ओर से प्रमुख कर्मचारी संबंध, प्रमुख मानव संसाधन (पावर एवं खदान) और यूनियन के अध्यक्ष एस.के. सिंह, महासचिव सुनील सिंह, उपाध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी, पी.के. वर्मा, संतोषी बरेठ, अनूप सिंह, सहायक महासचिव धर्मेंद्र सिंह, सचिव मनीष नाग और धर्मेंद्र शाह ने भाग लिया। लगभग पांच घंटे की "सार्थक" चर्चा हुई। प्रबंधन ने फिर से वही घिसे-पिटे आश्वासन दिए कि समस्याओं का समाधान किया जाएगा। यूनियन ने भी एक हफ्ते के भीतर "उपयुक्त प्रगति" की मांग करते हुए बैठक को समाप्त किया।
लेकिन यहाँ पर विडंबना साफ झलकती है। पांच घंटे की इस मैराथन बैठक में चर्चा की गई समस्याएं कोई नई नहीं थीं। ये वे पुरानी शिकायतें थीं जो वर्षों से जमा होती आ रही हैं, जबकि कर्मचारी धैर्यपूर्वक—या यूं कहें, मजबूरन इंतजार करते रहे हैं—जबकि प्रबंधन समय खींचने की अपनी रणनीति में महारत हासिल कर चुका है। यूनियन के नेता एक बार फिर आशा कर रहे हैं कि इस बार वादे क्रियान्वयन में बदल जाएंगे।
चर्चा के दौरान जिन प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान दिया गया, वे थे:
पीएमई के बाद अस्थायी रूप से अनफिट किए गए कर्मचारियों का री टेस्ट बिना किसी शुल्क के किया जाए।
बालको के ठेका कर्मचारियों को भी ओपीडी सुविधा दी जाए और इसके लिए बालको अस्पताल का विस्तार किया जाए।
सभी कर्मचारियों का जनरल प्रमोशन किया जाए, जिसे पिछले 7 वर्षों से रोका गया है। विशेष रूप से, यूनियन के सदस्यों के वेतन में बढ़ोतरी करना, जबकि अन्य कर्मचारियों के साथ भेदभाव करना, अत्यंत निंदनीय है।
बालको संयंत्र में उत्पादन और अनुरक्षण कार्य में लगे ठेका कर्मचारियों को उत्पादन बोनस दिया जाए।
विशेष कार्य क्षेत्र पर कार्यरत नियमित कर्मचारियों को दिए जाने वाले भत्ते को ठेका कर्मचारियों के लिए भी लागू किया जाए, क्योंकि इसे न देना अमानवीय कृत्य है।
सभी ठेका कर्मचारियों को समान रूप से वार्षिक वेतन वृद्धि दी जाए, और वेतन में किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त किया जाए।
पिछले 7 वर्षों से ठेका कर्मचारियों के विभिन्न भत्तों जैसे कैंटीन, कन्वेंस, हाउस रेंट आदि में कोई वृद्धि नहीं की गई है; इन्हें उपयुक्त रूप से बढ़ाया जाए।
नॉन एलटीएस के कर्मचारियों को कैंटीन अलाउंस और अन्य सुविधाएं दी जाएं।
वर्ष 2022 से एलटीएस में शामिल ठेका कर्मचारियों को ग्रेड दिया जाए।
हेल्थ इंश्योरेंस में माता-पिता का भी नाम जोड़ा जाए।
ऑपरेशन और प्रोजेक्ट में स्थानीय महिला-पुरुषों की भर्ती की जाए।
यूनियन ने प्रबंधन के आश्वासन के बाद आंदोलन को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है, लेकिन यदि प्रगति उपयुक्त नहीं रही, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। बालको के कर्मचारी और ठेका श्रमिक इस संघर्ष में एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन प्रबंधन की तरफ से अब तक केवल वादे ही किए गए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रबंधन ने चर्चा के नाम पर समय की हत्या करने की अपनी पुरानी नीति को एक बार फिर से आजमाया है।
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