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कंपनी का नैतिकता का पाठ: वेदांता और बाल्को की अनोखी मिसाल

  • Media Samvad Editor
  • Aug 25, 2024
  • 4 min read

नैतिकता का पाठ और दंडात्मक प्रक्रिया- परग्रहियों (Aliens) से मुकाबला


वेदांता लिमिटेड का बालको पर प्रबंधन नियंत्रण है, और इस कंपनी में नैतिकता का पालन कितना गहनता से किया जाता है, ये देखकर किसी का भी सिर चकरा जाए। नैतिकता की इस गहरी जड़ में, जहां एक मामूली गलती भी भारी सज़ा का कारण बन सकती है, बालको ने अपनी खुद की एथिक्स (ETHICS) पॉलिसी बना रखी है, जिसे वेदांता ने फ्रेम किया है। इस नीति का उल्लंघन करने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई होती है, जिसमें नौकरी से निकालने जैसी सज़ा भी शामिल है।


अब आइए, कुछ 'नैतिकता' के उदाहरणों पर नज़र डालते हैं। बालको प्रबंधन ने नैतिकता के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए कुछ बेंचमार्क स्थापित किए हैं। जैसे, तीन नियमित कर्मचारियों को इसलिए नौकरी से निकाल दिया गया क्योंकि उन्होंने एक ऐसे अधिकारी से कर्ज़ लिया था, जिसे बाद में कदाचार का दोषी पाया गया। कर्मचारियों का एकमात्र अपराध था कि उन्होंने एक दोषी अधिकारी से कर्ज़ लिया था। इन कर्मचारियों को एक जांच के बाद बर्खास्त कर दिया गया, हालांकि यह जांच बाद में अदालत द्वारा अवैध घोषित कर दी गई थी। लेकिन उन कर्मचारियों को आज भी न्याय का इंतजार है, और सूत्रों के अनुसार, उनमें से एक ने अदालत के फैसले के बाद प्रबंधन के साथ समझौता कर लिया है।


और ताज़ा उदाहरण भी कुछ कम दिलचस्प नहीं है। एक कर्मचारी को इसलिए बर्खास्त कर दिया गया क्योंकि उसकी पत्नी के पास एक व्यावसायिक वाहन था, जिसे उसने किराए पर दिया और उस वाहन का उपयोग बालको में हुआ। इस कर्मचारी ने नैतिकता की कसौटी पर खरा नहीं उतरने की सज़ा भुगती और उसे अंततः नौकरी से हाथ धोना पड़ा।


इस कंपनी में नैतिकता इतनी कठोरता से लागू की जाती है कि एक मामूली गलती भी निरंतर और आवश्यकतानुसार दंड का कारण बन सकती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई कर्मचारी साल में 240 दिनों की उपस्थिति पूरी नहीं कर पाता, तो उसकी वेतन वृद्धि रोक दी जाती है, लेकिन रिकॉर्ड बनाए जाते हैं, और उस कर्मचारी को आने वाले वर्षों में फिर से जांच का सामना करना पड़ता है। और इस जांच की खासियत यह है कि इसे एक 'निष्पक्ष' जांच के रूप में प्रस्तुत किया जाता है, क्योंकि जांच अधिकारी के रूप में कंपनी/ठेकेदार द्वारा नियुक्त एक वकील होता है। इस नियुक्ति के लिए कर्मचारी से कोई सहमति नहीं ली जाती, और वकील की फीस भी कंपनी/ठेकेदार द्वारा दी जाती है।


क्या बात है! ऐसी निष्पक्ष जांच, जहां जांच अधिकारी की तनख्वाह कंपनी देती है, और कर्मचारी को वकील के माध्यम से अपना बचाव करने की अनुमति नहीं होती। वाह! ऐसा निष्पक्षता का पालन करने वाला कौन हो सकता है, सिवाय परग्रहियों (Aliens) के।


कंपनी की नैतिकता को पालन करने की पराकाष्ठा यहाँ तक पहुँच रखती है की कंपनी के प्रतिष्ठान के बाहर होने वाले विवादों में , जिसमे प्रबंधन के कुछ अधिकारियों और कर्मियों के मध्य विवाद होता है, और प्रशासन द्वारा दोनों पक्षों पर अपराध पंजीबद्ध किए जाते हैं , परंतु नैतिकता का पालन करते हुए कुछ कर्मियों को बर्खास्त कर दिया जाता है और अधिकारियों को पदोन्नति प्रदान की जाती है |


नैतिकता के परिपालन में कोई कसर न छूटे , इसलिए मूल-निवासियों जिसमें यहाँ के आदिवासी भाई भी शामिल हैं , उन्हें सिर्फ इसलिए कार्य से हटा दिया जाता है , क्योंकि वह श्रमिक संघ के सदस्य बनना चाहते हैं | चूंकि मुकाबला परग्रहियों (Aliens) के साथ है, इसलिए मानवीय अधिकारों का मूल्य स्थापित करना बहुत छोटी बात है|


अब जब हम कंपनी के प्रमुख प्रबंधकीय व्यक्तियों की नैतिकता के मानकों को देखते हैं, तो वहां भी नए बेंचमार्क स्थापित होते हैं। ताज़ा उदाहरण यह है कि बाल्को के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) तीन कंपनियों , Serentica Renewables India 1 Pvt. Ltd., Serentica Renewables India 7 Pvt. Ltd., Serentica Renewables India 8 Pvt. Ltd. में निदेशक बन जाते हैं। और जब वह इन तीन कंपनियों में निदेशक बनते हैं, तो बाल्को इन कंपनियों में 230 करोड़ रुपये का निवेश करता है, और भविष्य में 300 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता भी जताता है।


यह देखना बेहद दिलचस्प है कि कंपनी की नैतिकता उस सिद्धांत को स्थापित करती है कि उसका अपना CFO उन कंपनियों में बड़े निवेश की अनुमति दे सकता है, जिनमें वह खुद निदेशक है, और ऑडिट रिपोर्ट में बस इस निवेश का खुलासा करने भर से वह नैतिकता से बरी हो जाता है। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे कोई वित्त मंत्री सरकारी निवेश वाली कंपनी का मालिक बन जाए।


ये तो कंपनी की कड़ी नैतिकता के कुछ उदाहरण मात्र हैं। इस कंपनी द्वारा स्थापित नैतिकता के बेंचमार्क की एक लंबी सूची है, जिसे आगामी लेखों में प्रकाशित किया जाएगा।


निष्कर्ष: इस लेख से यह स्पष्ट होता है कि बालको और वेदांता लिमिटेड नैतिकता के पालन के मामले में शायद हमारे गृह की अग्रणी कंपनी है । चाहे वह कर्मचारियों के मामले में कठोर नियम हों या फिर शीर्ष प्रबंधन के लिए एकदम उल्टी प्रक्रिया, इस कंपनी ने नैतिकता के नाम पर ऐसे बेंचमार्क स्थापित किए हैं, जिनसे केवल परग्रही (Aliens) लोग ही मुकाबला कर सकते हैं। अन्य कंपनियों को इस नैतिकता के पाठ से कुछ सीखने की सख्त जरूरत है, क्योंकि शोषण के खिलाफ राहत पाने की एक लंबी और अनंत व्यवस्था की प्रक्रिया इसी नैतिकता के अभ्यास को फलीभूत कर रही है।


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