बालको के जूनियर अधिकारियों में असंतोष
सूत्रों की मानें तो बालको के जूनियर अधिकारी (JE's) अपने वेतन और प्रबंधन द्वारा किए गए व्यवहार से बेहद असंतुष्ट हैं। यह असंतोष कई महत्वपूर्ण मुद्दों के कारण उत्पन्न हुआ है, जिनमें वेतन संबंधी विसंगतियाँ और षड्यंत्र भी शामिल हैं। अधिकारियों ने अपनी समस्याओं को स्पष्ट करते हुए प्रबंधन से शिकायत की है और वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
सूत्रों के अनुसार अधिकारियों ने अपने असंतोष के पीछे कई कारण बताए हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
वेतन विसंगति: समान कार्यभार वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच वेतन में भारी अंतर है। अधिकारियों का कहना है कि उनके वेतन में कर्मियों की तुलना में 20-60% तक की कमी है। जब उन्हें कर्मियों से जूनियर अधिकारी में परिवर्तित किया गया, तब प्रबंधन ने यह सुनिश्चित किया था कि अधिकारियों का वेतन कभी भी कर्मियों से कम नहीं होगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
वेतन वृद्धि में अंतर: 2014 के वेतन संशोधन के बाद, सभी JE's के लिए वेतन वृद्धि को स्थिर रखा गया। 2019 और 2024 के वेतन संशोधन के बाद भी वेतन में कोई वृद्धि नहीं की गई, जिससे यह वेतन अंतर और भी बढ़ गया।
षड्यंत्र और भूमिकाओं में भ्रम: सूत्रों द्वारा यह भी बताया गया कि किसी विशेष श्रमिक संगठन के प्रतिनिधियों और प्रबंधन ने मिलकर एक षड्यंत्र रचा, जिसमें JE's का उपयोग ठेके पर रखे गए कर्मियों पर लागत कटौती लागू करने के लिए कार्य किया गया। इस षड्यंत्र में JE's को भी निशाना बनाया गया। इस समय, JE's अपनी प्रबंधन में भूमिका और अपने अधिकारी पद के बीच उलझन में हैं। उनकी स्थिति इतनी कठिन हो गई है कि वे अब खुल कर बोलने एवं विरोध तक करने के लिए मजबूर हो गए हैं | सूत्रों की मानें तो नियमित कर्मी JE’s की इस स्तिथि का दबे जुबान में आनंद ले रहे हैं |
पीएफ योगदान में कमी: अधिकारियों का पीएफ योगदान भी कम किया गया क्योंकि उनकी मूल सैलरी कम कर दी गई थी।
कोविड-19 के दौरान कोई वृद्धि नहीं: कोविड-19 के दौरान 2019-20 में अधिकारियों के वेतन में कोई वृद्धि नहीं की गई, जिससे उनके वेतन में और भी कमी आ गई।
स्थायी दिशा-निर्देशों की आवश्यकता: अधिकारियों ने यह मांग की है कि वेतन में होने वाले किसी भी बदलाव को स्थायी रूप से नियमबद्ध किया जाए ताकि कार्यकर्ताओं के वेतन संशोधन के दौरान होने वाले किसी भी अंतर को तुरंत प्रभावी ढंग से अधिकारियों के वेतन में भी लागू किया जा सके।
अधिकारियों के साथ अनुचित व्यवहार: अधिकारियों का कहना है कि उन्हें कई अन्य खर्चों के लिए अधिकारियों के समान माना जाता है, जैसे कि पानी का बिल, बिजली का बिल, घर का किराया, डीपीएस स्कूल फीस, आदि। लेकिन उनके वेतन को ,कर्मियों से बहुत कम रखा गया है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि बालको के स्थायी कर्मियों का औसत वार्षिक वेतन एवं अन्य सुविधाएं लगभग ₹14 ,00,000 है, जबकि ठेके पर रखे गए कर्मियों का औसत वार्षिक वेतन ₹3,00,000 है। और वेदांता की आधिकारिक BRSR रिपोर्ट अनुसार बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (BoD) में पुरुषों का औसत वेतन ₹1,00,00,000 है जबकि महिलाओं का ₹98,00,000 है। मुख्य प्रबंधकीय कर्मियों (KMP) में पुरुषों का औसत वेतन ₹8,84,66,358.39 है, जबकि महिलाओं का ₹1,30,57,665 है। BoD और KMP के अलावा अन्य अधिकारियों में पुरुषों का औसत वेतन ₹9,04,348 है, जबकि महिलाओं का ₹11,46,853 है। इस बड़े अंतर के कारण , अधिकारी अपने वेतन में हो रही विसंगतियों के प्रति असंतोष व्यक्त कर रहे हैं।
रूपांतरण के समय किया गया वादा नहीं निभाया गया: अधिकारियों का कहना है कि जब उन्हें कर्मियों से JE के रूप में परिवर्तित किया गया, तो प्रबंधन ने यह वादा किया था कि उन्हें बालको के पेरोल पर रखा जाएगा। लेकिन अब प्रबंधन बिना किसी सूचना के उनके वेतन संरचना को वेदांता पेरोल में बदल रहा है।
अत्यधिक कार्यभार और जिम्मेदारियां: अधिकारियों का कहना है कि उनके ऊपर कर्मियों की तुलना में बहुत अधिक कार्यभार और जिम्मेदारियां हैं, और कई अधिकारी तो दबी जुबान में नियमित कर्मियों के द्वारा सिर्फ लंच और पंच करने की सुविधा पर भी प्रमुख एच. आर अधिकारियों को जिम्मेदार मानते हैं | यहाँ तक कहा जा रहा है कि कुछ नियमित कर्मियों को विशेष सुविधा देकर बिना उपसतिथि के वेतन प्रदान कर , बालको एच. आर अधिकारियों द्वारा उन्हें उपकृत किया जा रहा है | और इन कर्मियों का कार्यभार भी अधिकारियों को दे दिया जाता है , लेकिन इसके बावजूद उन्हें उचित वेतन नहीं मिल रहा है।
निष्कर्ष: बालको के सभी जूनियर अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि वे अपनी वर्तमान वेतन संरचना से बेहद असंतुष्ट हैं। उनका कहना है कि यदि उन्हें उनके कार्य और पद के अनुसार उचित वेतन नहीं दिया गया, तो वे या तो प्रबंधन से ठोस कदम उठाने की मांग करेंगे या फिर अपने कैडर को बदलने के बारे में विचार करेंगे। अधिकारियों का यह भी मानना है कि प्रबंधन उन्हें आसान लक्ष्यों के रूप में देख रहा है, और बालको प्रबंधन उन्हें ठेकेदारों के तहत लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। अपनी भूमिका और स्थिति को लेकर गहराई से उलझे हुए, JE's इस समय बहुत ही असहाय महसूस कर रहे हैं। फिलहाल बालको प्रबंधन ने अपनी कुटिल नीति एवं चंद यूनियन नेताओं का साथ लेकर कर्मचारियों में एक अमिट विभाजन कर दिया है और बालको कर्मी, श्रमिक, अधिकारी सभी अपने गुटों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं परंतु प्रबंधन द्वारा किए गए विभाजन से नहीं उबरना चाहते हैं और प्रबंधन की दया एवं मेहरबानी के मोहताज बन चुके हैं |
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