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बालको प्रबंधन का अत्याचार-एटक ने भरी हुंकार

  • Media Samvad Editor
  • Jul 26, 2024
  • 4 min read

बालको प्रबंधन का अत्याचार - एटक ने भरी हुंकार


बालको के अधिकारियों द्वारा उन समस्त जन-प्रतिनिधियों,सामाजसेवकों,श्रमिक-नेताओं,पत्रकारों,प्रशासनिक अधिकारियों को, जो बालकों प्रबंधन की कुनीतियों का मुखर विरोध करते हैं, को विलेन साबित करने मे कोई कसर नहीं छोड़ी जाती है| विडंबना यह है कि कुछ लोग अपने स्वार्थ-सिद्धि और डर की वजह से बालको प्रबंधन के इन कृत्यों में सहमति प्रदर्शित करते हैं|


बालकों प्रबंधन के श्रमिक विरोधी कृत्यों पर अंकुश लगाने में सारे श्रमिक संगठन शिथिल पड़ चुके हैं, बालकों के श्रमिक संगठनों की निष्क्रियता और बालकों प्रबंधन के कुछ अधिकारियों एवं एक विशेष श्रमिक संगठन के श्रमिक नेताओं( जिन पर कई संगीन अपराध पंजीबद्ध हैं) का अंतरंग सबंध अब किसी से छुपा नहीं है और बालकों प्रबंधन की श्रमिक विरोधी नीतियाँ एवं सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति गैर जिम्मेदारी, अब कोई नई बात नहीं रह गई है|


ऐसे वक्त में, हमेशा से जुझारू संगठन के रूप मे पहचान रखने वाले श्रमिक संगठन एटक की बालको इकाई ने, बालको प्रबंधन के विरुद्ध हुंकार भरी है| बालको एटक के महासचिव श्री सुनील सिंह द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सूचित किया गया है कि एटक बालको द्वारा दिनांक 29/07/2023 से गेट मीटिंग, आम सभा एवं क्रमिक भूख हड़ताल की जाएगी|


श्रमिकों का रोष


दिनांक 25 जुलाई 2024 को शाम 6 बजे (एटक) कार्यालय बालको नगर में (एटक) के कार्यकारिणी सदस्यों एवं पदाधिकारियों द्वारा बालकों प्रबंधन की कुनीतियों एवं दमनात्मक और अमानवीय कृत्यों के बारे मे अपने पक्ष रखे| जिसमें मुख्यतः निम्न उल्लेखित हैं:


1.बालकों में पी एम ई को आधार बनाकर प्रत्येक पी एम ई कराने वाले ठेका कर्मचारियों से अप्रत्यक्ष रूप से लगभग रूपए 2000/- बालको  चिकित्सालय द्वारा लिया जाता है। बालको प्रबंधन द्वारा प्रदत्त स्वास्थ्य कार्ड (हेल्थ इंश्योरेंस) भी पूरे परिवार का नहीं है। इसमें माता-पिता को सम्मिलित नहीं किया गया है और किसी भी बीमारी के उपचार हेतु लगभग एक हजार से रुपए 5000/- ऊपर से देने पड़ते हैं।– कामरेड धर्मेन्द्र तिवारी 


2. बालको प्रबंधन अनावश्यक रूप से श्रम कानूनों का उल्लंघन करते हुए किसी का भी कार्ड कभी भी बंद कर देता है बिना कोई चेतावनी पत्र या चार्ज शीट की कार्यवाही किए बिना। प्रबंधन का उद्देश्य मात्र पैसे की कटौती है,क्योंकि इससे उसकी उपस्थिति बोनस कट जाता है। – कामरेड मनीष नाग

 

3. बालको, श्रमिकों में भेदभाव कर रहा है। बालकों में कार्यरत मुख्य रूप से उत्पादन, उत्पादकता एवं विभिन्न सेवाओं में अपनी सेवा देने के पश्चात भी विभिन्न भत्ते समान रूप से नहीं मिलते। - कामरेड पवन कुमार वर्मा


4. बालको प्रबंधन लगातार श्रमिक विरोधी कार्यों में तेजी से आगे बढ़ रहा है। - कामरेड प्रभाग कांत पांडे


5. बालको प्रबंधन श्रमिकों का अनावश्यक स्थानांतरण कर लगातार श्रमिकों में भय व्याप्त करने का प्रयास कर रहा है यह श्रमिक एवं संगठन तथा प्रबंधन के लिए उचित नहीं है। - कामरेड अनूप सिंह

 

6. जब तक हम एक साथ एकत्रित होकर श्रमिक विरोधी गतिविधियों का विरोध नहीं करेंगे, प्रबंधन लगातार परेशान करते रहेगा। - कामरेड संतोषी बरेठ 


7. प्रबंधन को श्रमिकों की जायज मांगों के लिए पत्र प्रेषित किया है परंतु प्रबंधन इस पर अभी तक चर्चा करने के लिए सहमत नहीं है, जिसमें मुख्य रूप से बालकों में कार्यरत समस्त ठेका श्रमिकों को समान रूप से उत्पादन बोनस, कार्य क्षेत्र विशेष भत्ता (WCA) तथा श्रमिक विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए दिनांक 31 तारीख जुलाई 2024 को एक आम सभा किया जाएगा। यूनियन के महासचिव कॉमरेड सुनील सिंह ने बताया कि प्रोजेक्ट में काम करने वाले श्रमिकों को समय पर वेतन भी नहीं दिया जाता, श्रमिकों से लगातार 12 घंटे काम कराया जाता है एवं उन्हें 8 घंटे से अतिरिक्त समय का ओवर टाइम भी नहीं दिया जाता तथा यह भी बताया कि लगातार पूरे महीने 12 घंटे काम करना अमानविक कृत्य है इस पर कठोर कार्रवाई किया जाएगा। - कामरेड सुनील सिंह


संगठन के अध्यक्ष कॉमरेड एस के सिंह ने आंदोलन की रूपरेखा कार्यकारिणी एवं पदाधिकारी सदस्यों के समक्ष रखते हुए उनका अनुमोदन प्राप्त किया, जिसमें दिनांक 29 - 30 जुलाई 2024 को संयंत्र गेट के समक्ष पैंपलेट बांटा जाएगा। 31 तारीख को आम सभा किया जाएगा तथा उसके पश्चात क्रमिक भूख हड़ताल किया जाएगा। तथा इस संकल्प को दोहराया कि हम उत्पादन बोनस, कार्य क्षेत्र विशेष भत्ता चिकित्सा सुविधा जैसी बुनियादी मांगों को लेकर पीछे नहीं हटेंगे।


एटक के पदाधिकारियों और सदस्यों की पहल आज के परिवेश मे क्या बालको प्रबंधन को बैक-फुट पर ले जा पाएगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा| या फिर हमेशा की तरह बालको प्रबंधन के पी.आर और मायाजाल के प्रभाव मे एक बार फिर श्रमिक आंदोलन कुचल दिया जाएगा|


फिलहाल “टाइगर जिंदा है” का एहसास एटक बालको की पहल से जरूर जागृत होता है|


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