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बढ़ते उत्पादन की समीक्षा – देश के एल्यूमिनियम उद्योगों का परिदृश्य (भाग 6)

  • Media Samvad Editor
  • Jul 29, 2024
  • 4 min read

उत्पादन खर्च का चैम्पीयन/करिश्माई प्रदर्शन

जैसा कि मूल धारणा है कि यदि उत्पादन बढ़ता है तो उत्पादन लागत में कमी आती है, उत्पादन और उत्पादन लागत, के बीच संबंध को अक्सर लागत और उत्पादन के आर्थिक सिद्धांतों में देखा जाता है। एक प्रमुख अवधारणा "आर्थिक पैमाने की अर्थव्यवस्थाएं" है, जो बताती है कि जैसे-जैसे उत्पादन बढ़ता है, प्रति यूनिट औसत लागत आमतौर पर घट जाती है, जैसे कि सामग्रियों की थोक खरीद, मशीनरी का अधिक कुशल उपयोग, और अधिक इकाइयों पर स्थायी लागतों का वितरण।

प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों के दृष्टिकोण:

  1. एडम स्मिथ: श्रम विभाजन की अवधारणा के लिए जाने जाते हैं, जो दक्षता और उत्पादन को बढ़ाता है और लागत को कम करता है।

  2. पॉल क्रुगमैन: अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के संदर्भ में पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं पर चर्चा की, समझाया कि कैसे बढ़ता उत्पादन कम लागत और प्रतिस्पर्धी लाभ की ओर ले जा सकता है।

  3. अल्फ्रेड मार्शल: आंतरिक और बाहरी पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं का विचार प्रस्तुत किया, यह बताते हुए कि कैसे फर्म-विशिष्ट और उद्योग-व्यापी दोनों कारक उत्पादन के विस्तार के साथ लागत को कम कर सकते हैं।

ये दृष्टिकोण बताते हैं कि उत्पादन बढ़ने से लागत कम हो सकती है, लेकिन सटीक संबंध तकनीक, श्रम, और बाजार की परिस्थितियों जैसे कारकों पर निर्भर करता है।

हमारे पूर्व प्रकाशित लेख - बढ़ते उत्पादन की समीक्षा – देश के एल्यूमिनियम उद्योगों का परिदृश्य (भाग 1) एवं बढ़ते उत्पादन की समीक्षा – देश के एल्यूमिनियम उद्योगों का परिदृश्य (भाग 2) एवं बढ़ते उत्पादन की समीक्षा – देश के एल्यूमिनियम उद्योगों का परिदृश्य (भाग 3), बढ़ते उत्पादन की समीक्षा – देश के एल्यूमिनियम उद्योगों का परिदृश्य (भाग 4 ) एवं बढ़ते उत्पादन की समीक्षा – देश के एल्यूमिनियम उद्योगों का परिदृश्य (भाग 5)के परिपेक्ष्य मे आगे बढ़ते हुए आज हमारे द्वारा पाठकों की समीक्षा हेतु  कुछ और तथ्य भारत के सबसे बड़े एल्यूमिनियम उत्पादकों – वेदांता , हिंडाल्को, और नाल्को के सबंध मे प्रकाशित किए जा रहे हैं, पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख के तथ्यों की समीक्षा पूर्व के लेखों मे प्रकाशित तथ्यों के प्रकाश में करने का प्रयास करें |

इस लेख में हम उपरोक्त कंपनियों के पिछले 10 साल में उत्पादन लागत के बारे मे उल्लेख करेंगे |


आखिर क्या है उत्पादन लागत

किसी भी उत्पाद के उत्पादन में कच्चे माल की लागत, कर्मचारियों पर लागत, एवं उत्पादन लागत मुख्य लागत होती है, उत्पादन लागत में कच्चे माल एवं कर्मचारियों पर खर्च समाहित नहीं होती है| उत्पादन लागत में कलपुर्जों की मरम्मत इत्यादि जैसी लागत समाहित होती है| कंपनियां इस उत्पादन लागत (Manufacturing Cost) पर खर्च की गई राशि को अपनी वार्षिक रिपोर्ट मे, उत्पादन लागत (Manufacturing Cost) के नाम से साझा करती हैं | यह प्रक्रिया किसी भी पंजीकृत कंपनी के लिए अनिवार्य है |

प्रमुख एल्यूमिनियम उत्पादकों की उत्पादन लागत (Manufacturing Cost) पिछले दस वर्षों के तथ्य, पाठकों की समीक्षा हेतु प्रकाशित हैं|(Data Source:Screener.in


उत्पादन लागत (Manufacturing Cost)(रु.करोड़)

Name of Company

Mar-13

Mar-14

Mar-15

Mar-16

Mar-17

Mar-18

Mar-19

Mar-20

Mar-21

Mar-22

Mar-23

Mar-24

multiplied  change since 2013

Nalco

3134.33

2772.07

2,566

2609.25

2950.82

3,588

3853.31

3866.62

3520.6

4666.78

6082.61

3547.6

1

Hindalco

10425.1

12,277

14,599

13,826

13,024

12,670

14,360

14,177

14,518

19,506

26,784

15,117

1

Vedanta

1084.76

12,218

13,113

14,266

16,330

20,064

26,629

25,849

22,401

33,156

48,126

40,603

37

 

पाठकों की सुविधा के लिए और हमारे वर्तमान लेख एवं  पिछले लेखों मे प्रकाशित करिश्माई तुलनात्मक तथ्य निम्न हैं

Name of Company

multiplied  Revenue change since 2013

multiplied Raw Material change since 2013

multiplied Operating Profit change since 2013

multiplied Other Income change since 2013

multiplied  Manufacturing  Cost  change since 2013

Nalco

2

2

3

1

1

Hindalco

3

3

3

1

1

Vedanta

52

139

76

159

37

उपरोक्त तुलना का अध्ययन करेंगे तो तीन सबसे बड़े उत्पादकों मे इस बार भी वेदांता कंपनी ने सारे रिकार्ड तोड़ते हुए चैम्पियनशिप शील्ड अपने पास बरकरार रखी है, ऐसे ही इस कंपनी को वर्ल्ड लीडर नहीं बोल जाता है, यह हर क्षेत्र मे आगे है| यह बात अलग है कि इसको चैम्पीयन बनाने वाले कर्मचारी, कलपुर्जों की मरम्मत के लिए आवश्यक सामग्री के लिए कितना प्रताड़ित होते हैं, इस बारे में अधिक जानकारी कर्मचारी ही दे सकते हैं| फिलहाल तो करिश्माई भिन्नता स्पष्ट झलकती है - वेदांता कंपनी का राजस्व – 52 गुणा बढ़ा है, कच्चे माल पर खर्च 139 गुणा बढ़ा है, प्रचालन मुनाफा 76 गुणा बढ़ गया, अन्य स्त्रोतों से कमाई (Other Income) 159 गुणा बढ़ गई है, और उत्पादन लागत (जिसमें कच्चे माल एवं कर्मचारी लागत समाहित नहीं है) 37 गुणा बढ़ गई है | इस कंपनी के अन्य करिश्मों को आगे आने वाले लेखों मे साझा करेंगे |

                                                   

उपरोक्त तथ्य प्रदर्शित करते हैं कि पिछले 10 वर्षों मे:


1.वेदांता लिमिटेड के राजस्व मे 52 गुणा, कच्चे माल पर खर्च 139 गुणा, प्रचालन मुनाफा में     76 गुणा और अन्य स्त्रोतों से कमाई (Other Income) में 159 गुणा वृद्धि है और उत्पादन लागत में 37 गुणा वृद्धि है|

2.हिंडाल्को के राजस्व में 3 गुणा, कच्चे माल पर खर्च 3 गुणा, प्रचालन मुनाफा में 3 गुणा और अन्य स्त्रोतों से कमाई (Other Income) में 1 गुणा वृद्धि है और उत्पादन लागत में 1 गुणा वृद्धि है|

3.नालकों के राजस्व में 2 गुणा, कच्चे माल पर खर्च 2 गुणा और प्रचालन मुनाफा में 3 गुणा और अन्य स्त्रोतों से कमाई (Other Income) में 1 गुणा  वृद्धि है और उत्पादन लागत में 1 गुणा वृद्धि है|

उपरोक्त विवरण एवं पूर्व लेख के संदर्भ मे पाठक-गण मुख्य एल्यूमिनियम उत्पादकों की समीक्षा कर सकते हैं|

अगले लेख बढ़ते उत्पादन की समीक्षा – देश के एल्यूमिनियम उद्योगों का परिदृश्य (भाग 7), में उपरोक्त कंपनियों के अन्य तथ्य आपकी  समीक्षा हेतु प्रकाशित किए जाएंगे |


विशेष: हमारी टीम द्वारा अथक मेहनत और प्रयास कर तथ्यों का संचय कर लेख प्रकाशित किये जाते हैं, पाठकों के द्वारा हमारे प्रकाशन का, समाज में संचार ही  हमारी टीम के सत्य उजागर करने के प्रयासों को प्रेरणा देगा| पाठकों से अपेक्षा है कि प्रकाशित लेखों का संचार  करने में हमारी मदद करें|

Disclaimer (लेखक द्वारा प्रकाशित खबर सूत्रों एवं तथ्यों पर आधारित है, एवं कई तथ्यों का किसी अन्य भाषा से अनुवाद किया गया है ,यदि किसी व्यक्ति/समाज/संगठन को उपरोक्त लेख में कोई  शब्द/वाक्य आपत्तिजनक लगे तो वह हमें saursujla99@gmail.com पर संपर्क कर विवरण भेज सकता है, भेजे हुए विवरण का प्रेस काउंसिल आफ इंडिया की मागदर्शिका अनुसार एवं  हमारे  सम्पादकीय दल द्वारा विश्लेषण एवं जांच उपरांत जांच रिपोर्ट प्रेषित किया जाएगा और जांच अनुसार  प्रकाशित लेख की पुनः विवेचना कर प्रकाशित किया जा सकेगा |

 
 
 

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